रुड़की के सुनहेरा गांव में हैं लगभग 250 वर्ष पुराना बरगद का पेड़

रुड़की के सुनहेरा गांव में हैं लगभग 250 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ 
रुड़की के सुनहेरा गांव में हैं लगभग 250 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ जो हमारे भारत देश की आज़ादी की लड़ाई का एक साक्षी है| 19 वीं सदी में ब्रिटिश सरकार द्वारा इस पेड़ की शाखाओं पर न जाने कितने ही स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटका दिया गया था| कई क्रांतिकारियों को जो ब्रिटिश सरकार के शासकों के आदेशों की अवहेलना करते थे और भारत देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने की हिम्मत करते थे उन्हें इसी पेड़ पर भीड़ के सामने फांसी दी जाती थी| स्थानीय लोग बताते हैं कि इस पेड़ पर लगभग 200 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गयी थी| कुछ वर्ष पूर्व पर्यटन विभाग द्वारा इस पेड़ के ऐतिहासिक महत्व को देखकर स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में एक स्मारक बनवाया गया था| इस पेड़ के समीप जाते ही शहीदों के सम्मान में सिर अपने आप झुक जाता है|

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